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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है, मसलन व्यवसाय, रोज़गार, ग्रह कलेश, मानसिक अशांति, सवास्थ्य आदि। इन सभी समस्याओं का हल छुपा होता है ग्रहों की स्तिथि पर। ग्रह तो अपनी चाल जारी रखते हैं लेकिन ज्योतिषों द्वारा बताए गए कुछ उपाए इन ग्रहों की पीड़ा से हमें मुक्ति दिला सकते हैं जिस तरह प्रत्येक बीमारी के लिए योग्य चिकित्सक की आवश्यकता पड़ती है उसी प्रकार ज्योतिष समाधान के लिए योग्य ज्योतिष की आवश्यकता होती है। यूँ तो भारत में ज्योतिषाचार्यों की कमी नहीं है लेकिन कुछ ज्योतिषाचार्य ऐसे भी हैं जो न केवल ज्योतिष समाधान उच्च कोटि का करते हैं बल्कि सटीक भविष्यवाणी भी करते हैं. हम आपको रु बा रु करा रहे हैं शामली, उत्तर प्रदेश के रहने वाले आचार्य दीपक जैन से जो की अपनी ज्योतिष विद्या  में हर फन मौला हैं तथा स्वयं तपस्या कर ज्योतिष समाधान करने में वह मुकाम हासिल किया जो विरले ही ज्योतिष कर पाते हैं। बचपन से ज्योतिष विद्या में गहरी रूचि रखकर इसमें चिकित्सा संभंधित नई खोज उत्पन्न की। इनके द्वारा तंत्रों मंत्रों एवं यंत्रों के माध्यम से  मानसिक रोगी के अतिरिक्त अन्य बीमारिओं से मुक्ति दिला देते हैं जिसमें मुख्य रूप से कैंसर है।

 

दीपक जैन 13 वर्ष की आयु से ही जनहित कार्य करने की लालसा मन में लिए हुए इस कार्य में जुट गए। इन्हें कुंडली विश्लेषण, हस्त रेखा, अष्ट वास्तु, कर्मकाण्ड, कथाएं , रोग निवारण हिलिंग तथा व्यपारिक विद्याओं का पूर्ण ज्ञान है। वह कहते हैं अगर इंसान मन में विश्वास रखे तो कुछ भी सम्भव है। दीपक जैन के अनुसार अगर पुरुषार्थ व भाग्य के साथ अनुकूल वास्तु का संयोग  हो जाए तो दरिद्रता  पास भी नहीं फटक सकती।  इसके लिए उचित परामर्श की आवश्यकता होती है। आचार्य ने बताया कि ज्योतिष से न केवल वर्तमान स्थिति कि समस्याओं का समाधान हो सकता है  बल्कि भविष्य से जुड़े कई सवाल मसलन शिक्षा, स्वास्थ्य,  सेवा व्यवसाए, भूमि, भवन, धन, आदि से जुडी समस्याओं का समाधान तंत्र मन्त्र, यंत्र, अनुष्ठान, रोग निवारण हीलिंग के द्वारा किया जा सकता है। आचार्य ने बताया कि कई बड़े बड़े कॉर्पोरेट हाउस में अचानक डाउनफॉल आ जाता है , व्यक्ति  सितारे बुलंद होने के बावजूद कामयाब नहीं हो पाता, योग्य बच्चों की शादी में रूकावट आना , इलाज़ करने पर भी इलाज़ बेअसर होना , ऐसी समस्याओं के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान कराए जाते हैं जिससे जल्द ही समस्याओं का निवारण हो सकता है। ये अनुष्ठान साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक भी होते है जिसमें सात से ग्यारह पंडित जाप करते हैं और संख्या 108 से लेकर लाखों जपों तक होती हैं। अनुष्ठान करने से इन समस्याओं का काफी हद तक समाधान हो जाता है। अनुष्ठान कितने प्रकार के होते हैं और उनसे क्या क्या लाभ मिल सकता है इसके बारे अगले अंक में बताया जाएगा।

 

आचार्य दीपक जैन तक पहुंचने के लिए djain@gmail.com  पर संपर्क किया जा सकता है।

 

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