लोजी आ गया अप्रैल 2017 और साथ ही आ गया आईपीएल 2017, यानि मस्ती कि से भरा फटाफट क्रिकेट का 10वां संस्करण । अब लगभग डेढ़ महीने तमाम दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों की शामें इन मैचों को खाते-पीते, हंसते-खेलते और fully enjoy करते हुए गुजरेंगी ।
क्रिकेट के इस सबसे छोटे फ़ारमैट में जहां हर पल, हर गेंद, हर शॉट पर, मैच के जीत हार का पेंडुलम झोल खाता रहता है, ठीक उसी तरह दर्शकों का हल्ला-गुल्ला, हंसना, केमरे का फोकस अपने उपर आते ही खुशी से झूम उठना स्वत: ही हर चेहरे पर मुस्कुराहट ले आता है, चीयरगर्ल, ढ़ोल-ड्रम, खाना-पीना, मस्ती-मसखरी….यह सब मैच के दौरान देखकर विश्वास ही नहीं होता कि हिंदुस्तान इतना खुशहाल और मस्ती भरा देश है ।
तो क्यो न इस मस्ती को हिंदुस्तान कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी भर दिया जाए । इन मैचों को अगर भूल जाएं, और गर सड़क पर देखें, गली-महोल्ले में देखें, जात-बिरदरी में देखें, स्कूल-कॉलेज में देखेँ, दो इंसानों में देखें, यहां देखें वहां देखें, जिधर भी देखें तो सिवाए लड़ाई – झगड़े, तनाव, मन-मुटाव, खींच-तान, भागम-भाग, धक्कम-पेल, कुछ दिखाई ही नहीं देता।
अब बदलाव की सख्त जरूरत है । आओ, इस सबसे ऊपर उठें और खुशी को, सहयोग को, प्यार को, मान को, शान को आत्मसात कर लें और हालात कुछ भी क्यों न हो जाएं चेहरे से और जीवन से यह सब जुदा न होने दें ।