Top Stories

अच्छी सैलरी, नाम और रुतबा। सीए को लोग कुछ इस तरह ही परिभाषित करते हैं। कॉमर्स की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए सीए एक ड्रीम जॉब की तरह है। या यूं कह लें कि कॉमर्स स्ट्रीम से पढ़ने वाले अधिकतर छात्र सीए बनने का ही सपना देखते हैं तो गलत नहीं होगा। सीए यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट की जॉब जितनी आकर्षक है, उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी। बहुत कम लोग होते हैं जो सफल सीए होने के साथ-साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी बराबर की भागीदारी करते हैं।

ऐसे ही एक युवा प्रोफेशनल हैं दिल्ली के सुशील तायल, जो विगत 26 वर्षों से सीए होने के अलावा पिछले 3 दशकों से सामाजिक अभियान और सामाजिक कार्यों के जरिए देश के युवाओं को एक नई दिशा दिखाने का कार्य कर रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकाॅम संकाय में स्नातक करने के बाद श्री तायल ने इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आफ इंडिया, दिल्ली से चार्टर्ड अकाउंटेंट डिग्री में स्नातक की डिग्री हासिल की और साथ ही युवा लोगों को प्रशिक्षित करने के साथ सामाजिक गतिविधियों के जरिए भी सामाजिक चेतना का संचार कर रहे हैं। वे दिल्ली स्थित युवा जागृति मंच में अध्यक्ष हैं जहां वे सामूहिक आदर्श विवाह के सक्रिय भागीदारी करने के साथ-साथ धार्मिक आयोजनों में भी शिरकत करते हैं।

नवदृष्टि सोशल एंड ब्लाइंड वेलफेयर सोसाइटी संस्था के अध्यक्ष होने के नाते अंधे एवं शारीरिक विकलांग छात्रों को शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास करते रहे हैं। वे इंडिया गाॅट एवेयरनेस, ओशो ध्यान समिति जैसी संस्थाओं के प्रमुख होने के नाते लोगों को अध्यात्म और योगिक क्रिया से जोड़ने का सकारात्मक प्रयास भी कर रहे हैं। युवा हमारे भारत का भविष्य हैं, इसको देखते हुए वे यूथ ब्रिगेड ट्रस्ट के जरिए कंप्यूटर साक्षरता, नृत्य, संगीत, स्पोट्र्स, सिंगिंग कंपीटिशन के जरिए युवाओं को सबल बनाने के साथ-साथ उनमें संस्कार की भावनाओं का भी संचार कर रहे हैं।

भारत के शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में मध्यम एवं निम्न आयु वाले लोग निवास करते हैं, उनको सशक्त करने के लिए शिवा आश्रय वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा महाराजा अग्रसेन सेवा ट्रस्ट, महाराजा अग्रसेन शिक्षा सेवा ट्रस्ट के जरिए मौलिक शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ सड़क सुरक्षा, सीवेज, पार्क, साफ पानी की वकालत करते हुए इन समस्याओं को दूर करने के प्रयास करने के साथ-साथ लोगों को भी इस महत्वपूर्ण विषय पर जागरूक करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इतना ही नहीं वे कई सामाजिक संगठनों के प्रमुख पदों पर आसीन हैं।

इनमें भारतीय पर्व आयोजन समिति और भोले का दीवाना मंडल के अध्यक्ष, नदिव्य चक्षु कल्चरल सोसाइटी के महासचिव, श्रीजी सेवा परिवार और द विनायक ब्लाइंड वुमन वेलफेयर सोसाइटी के उपाध्यक्ष, भारत लोक शिक्षा परिषद नार्थ दिल्ली चैप्टर, मानव एकता मंच, श्री केशव धार्मिक लीला कमेटी के संरक्षक की भूमिका का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। लेखन और पत्रकारिता समाज के प्रतिबिंब हैं और इसकी महत्ता को देखते हुए श्री तायल कई प्रतिष्ठित संस्थानों से भी जुड़े हुए हैं। वे हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे हैं और अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्षता के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देने में सफल रहे। वे अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।

इसके अलावा वसुधाय कल्याणम टी एंड सी सोसाइटी, श्रीराधा वल्लभ निष्काम सेवा ट्रस्ट से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने कई पुस्तकों पर शोधपरक रिपोर्ट लिखी हैं। इनमें इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, स्प्रिच्युअल रेवलुएशन, मालप्रैक्टिस, कन्या भ्रूण हत्या, गर्ल एजुकेशन, बच्चों के साथ अभिभावकों के संबंध, बढ़ती जनसंख्या, पर्यावरण, साफ पानी और स्वच्छता जैसे विविध विषय शामिल हैं। पत्रकारिता, लेखन, जागरूकता और सामाजिक कार्यों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है। इनमें प्रमुख हैं राष्ट्रीय कवि संगम, वैश्य गौरव सम्मान, समाज गौरव सम्मान के अलावा उन्हें नवज्योति इंडिया फाउंडेशन से प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुका है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *